Thursday, June 30, 2011

रौशनी की तलाश में
अपने ख़्वाब जलाता फिरता हूँ
होश में जाने मैं कौन होता हूँ
बेहोशी में खुद के होने का अहसास ढूँढा करता हूँ...

(१९.०३.'०८)

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