attraction of incompleteness is more than absolute !
Thursday, June 30, 2011
समेट कर चिंगारियों को राख़ हो जाने से पहले हर एक विचार को आग लगाना चाहता हूँ दबे हुए शोलों को मैं फिर से भड़काना चाहता हूँ भटक रहा हूँ जिस अँधेरे में उसके पार जाना चाहता हूँ...
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